भरोसा नहीं जगाता,कांग्रेस का हिंदुत्व
राष्ट्रीय सहारा,हस्तक्षेप भरोसा नहीं जगाता,कांग्रेस का हिंदुत्व […]
राष्ट्रीय सहारा,हस्तक्षेप भरोसा नहीं जगाता,कांग्रेस का हिंदुत्व […]
राष्ट्रीय सहारा,26/11 के बाद कितना सुरक्षित है भारत दुनिया की ख्यात सुरक्षा एजेंसी मोसाद के जासूसों और एजेंट्स के इतने बड़े नेटवर्क और पूरे इलाक़े में हाइटेक सर्विलांस के बाद भी इजराइल की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो सकी। हमास के आतंकी बड़ी संख्या में जमीन,आसमान और समन्दर के रास्ते एक साथ इजराएल में घुसे,लोगों […]
नवभारत टाइम्स विदेशों में प्रदर्शन करने वाले खालिस्तानियों में भारतीय सिखों से कहीं ज्यादा पाकिस्तानी शामिल होते है। जो भारत के खिलाफ प्रदर्शन में भीड़ और सिखों को भड़काने का प्रयास करते हुए नजर आते है। कनाडा में खालिस्तानियों का राजनीति में दखल होने से यह संकट और बढ़ गया है। पाकिस्तान में सिखों के […]
पाकिस्तान के उस गद्दार की भविष्यवाणी सच साबित हुई… वे पाकिस्तान की बुनियाद रखने वालों में शुमार थे। वे हिंदू थे लेकिन इसके बाद भी उन्होंने पाकिस्तान में रहने को तरजीह दी। जिन्ना उन्हें खूब पसंद करते थे और इसीलिए पाकिस्तान के पहले मंत्रिमंडल में उन्हें खास जिम्मेदारी से नवाजा गया। हालांकि कुछ ही […]
राष्ट्रीय सहारा दुनिया में नीदरलैंड एक अनोखा देश है,जहां जेलों में कैदियों को सजा देने के बजाय उनका मनोवैज्ञानिक तरीके से इलाज किया जाता है और उनके दिमाग में बैठे अपराधिक प्रवृति को खत्म किया जाता है। इसका असर यह हो रहा है कि अब देश में अपराध बहुत कम हो गए है […]
राष्ट्रीय सहारा शांति संरक्षण कूटनीति का उद्देश्य है जबकि युद्द कूटनीति का अंत। यदि कोई राष्ट्र कूटनीति को प्रयोग में नहीं लाना चाहता तो राष्ट्रीय हितों की अभिवृद्धि के लिए उसके पास युद्द के अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं बचता। पाकिस्तान की भारत के प्रति युद्धक नीति कई दशकों चली आ रही है,वहीं एक लोकतांत्रिक […]
सुबह सवेरे,भोपाल ,23 मार्च 2023 भगतसिंह ने शहादत से ठीक पहले साथियों को जो पत्र लिखा था,उसमें उन्होंने फांसी पर चढ़ने की ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब हिन्दुस्तानी माताएं अपने बच्चों के भगतसिंह बनने की आरजू किया करेंगी। हालांकि उन्होंने अपने बलिदान को मातृभूमि की सेवा के हजारवें भाग से भी […]
जनसत्ता अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों की यथार्थवादी जरूरतों ने राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा को ही बदल दिया है। अब दो राष्ट्रों के मध्य या बहुपक्षीय सम्बन्धों को मजबूत करने के लिए सैन्य सुरक्षा के स्थान पर परिपक्व सुरक्षा को ज्यादा तरजीह दी जा रही है। यह नीति विभिन्न राष्ट्रों के बीच आपसी सहयोग की संकल्पना […]
आदिवासियों का धर्म- भारत में धर्म हठवाद की हैसियत नहीं रखता… झारखंड के रांची में विभिन्न आदिवासी जातीय समूह अलग धर्म सरना की मान्यता देने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे ठीक उसी समय छत्तीसगढ़ के सुकमा में रामाराम मेलें में आदिवासी भगवान राम की आराधना में डूब कर जश्न मना रहे […]