आज़ाद बलूचिस्तान की आग
राष्ट्रीय सहारा भारतीय सांस्कृतिक एकता की जादुई हकीकत को नजरअंदाज कर,इस्लामिक राष्ट्रवाद की कपोल कल्पित अवधारणा के बूते भाषा,क्षेत्र,जातीय और सांस्कृतिक विविधता के खत्म होने तथा एकरूपता में बंधने की मोहम्मद अली जिन्ना की सोच को पश्तूनों ने शुरूआती दौर में ही गलत ठहरा दिया था। 1971 में पृथक बांग्लादेश ने उसे आइना दिखाया और […]