संभावनाएं तलाशते भारत-बांग्लादेश
जनसत्ता अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों की यथार्थवादी जरूरतों ने राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा को ही बदल दिया है। अब दो राष्ट्रों के मध्य या बहुपक्षीय सम्बन्धों को मजबूत करने के लिए सैन्य सुरक्षा के स्थान पर परिपक्व सुरक्षा को ज्यादा तरजीह दी जा रही है। यह नीति विभिन्न राष्ट्रों के बीच आपसी सहयोग की संकल्पना […]