राष्ट्रीय सहारा
माओवाद को पूरी तरह खत्म करने को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने जो प्रतिबद्धता दिखाई है,वह अभूतपूर्व है। पिछले दो तीन दशकों में माओवादी हिंसा को रोकने को लेकर किसी भी गृहमंत्री ने छत्तीसगढ़ की इतनी यात्राएं नहीं की होगी जितनी अमित शाह पिछले पांच छह वर्षों में कर चूके है। वे रेड कॉरिडोर में तैनात बीएसएफ़,सीआरपीएफ़,अन्य अर्द्धसैनिक बलों,विशेष पुलिस और आम लोगों से मिलते है और जमीनी हकीकत जानने का बखूबी प्रयास भी करते है। गृहमंत्री का विश्वास है की सरकार की बहुआयामी नीतियों से विकास और आत्म समर्पण में तेजी आई है और मार्च 2026 से पहले देश में पूरी तरह वामपंथी उग्रवाद समाप्त हो जायेगा। केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार 2024 में अब नौ राज्यों के केवल 38 जिले ही उग्रवाद प्रभावित रह गए हैं। इनमें 15 जिले छत्तीसगढ़,ओडिशा के सात जिले और झारखंड के पांच जिले वामपंथी उग्रवाद की चपेट में है।
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