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 दलित,आदिवासी सांसदों का रिपोर्ट कार्ड

प्रजातन्त्र -6 दिसम्वर-डॉ.आंबेडकर पुण्यतिथि रक्त,जाति,समुदाय और वर्ग की श्रेष्ठता से अभिशिप्त समाज में वंचितों की अस्मिता की रक्षा करने की चुनौती से जूझते बाबा साहब अंबेडकर राजनीतिक और संविधानिक अधिकारों से करोड़ों लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाना चाहते थे। बाबा साहब का यह मानना था की  देश की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक संस्थाओं में विशेष अधिकार प्राप्त […]

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आदिवासी अभिवादन में क्यों कहते है राम राम…..

लोकदेश   भारतीय सभ्यता और संस्कृति में वन तप,त्याग,ध्यान,साधना और आध्यात्मिक यात्रा का प्रतीक है। भारत के धार्मिक ग्रंथों में वन का अत्यधिक महत्व है। रामायण में भगवान श्री राम का वनवास एक महत्वपूर्ण घटना है जो हमें जीवन के सिद्धांतों,आदर्शों,मूल्यों,समर्पण,त्याग और धर्म की महत्ता को सिखाती है। इसी तरह वेदों और उपनिषदों में भी वनों […]

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article भारत मे आतंकवाद

चंपई सोरेन ,नक्सल,गरीबी,खनिज माफिया और पलायन की जमीन पर आदिवासी मुख्यमंत्री

Politics चंपई सोरेन-नक्सल,गरीबी,खनिज माफिया और पलायन की जमीन पर आदिवासी मुख्यमंत्री  चम्पई सोरेन जैसे ठेठ आदिवासी नेता का  झारखंड का मुखिया बनना इस मायने में महत्वपूर्ण है की लोकतंत्र,विकास के भरपूर अवसर देता है। यह भावना नक्सल प्रभावित इलाकों में बमुश्किल गुजर बसर करने वाले आदिवासियों को उत्साह से भरने वाली है लेकिन नक्सल  के […]

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आदिवासियों का धर्म…

आदिवासियों का धर्म- भारत में धर्म हठवाद की हैसियत नहीं रखता…   झारखंड के रांची में विभिन्न आदिवासी जातीय समूह अलग धर्म सरना की मान्यता देने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे ठीक उसी समय छत्तीसगढ़ के सुकमा में रामाराम मेलें में आदिवासी भगवान राम की आराधना में डूब कर जश्न मना रहे […]

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 आदिवासियों से सीखियें महिला सम्मान

आदिवासी बाहुल्य इलाकों में लड़कियों का जन्म से लेकर संरक्षण तक बेहतर ढंग से होता है,वह परिवार,समाज,अर्थ,संस्कृति,धर्म या युद्द हो,सबमें नेतृत्व करती है और उनका सम्मान भी सबसे बढकर होता है। सुकमा में तैनात विशेष सशस्त्र पुलिस की स्पेशल कमांडों मीना कहती है की  औरतों में ताकत किसी से कम नहीं होती है,वह मर्दों से […]

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