सुबह सवेरे
गांधी है तो भारत है

गांधी मरते क्यों नहीं है…!

   सुबह सवेरे                     यह गांधी का अंतिम आमरण अनशन था। जो 13 जनवरी 1948 को प्रारम्भ हुआ था।  हमेशा की तरह उनका शरीर इस बार भूख और प्यास का संकट झेलने को तैयार नहीं था। इस कारण महज 48 घंटे में ही उनके शरीर ने जवाब दे […]

Read More
article book गांधी है तो भारत है

जब राजद्रोह राष्ट्रभक्ति की जरूरत बन जाएं … !

सुबह सवेरे    सरकार के प्रति अच्छी राय रखने वाले विचारों को ही केवल अस्तित्व में या सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होना चाहिये,क्योंकि गलत राय सरकार और राजशाही दोनों के लिये नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न कर सकती थी। यह विचार सत्रहवीं सदी मे ब्रिटेन मे राजशाही को मजबूत बनाएं रखने के लिए कानून के रूप मे […]

Read More
article

 मजदूरों के मूल मुद्दों से दूर मजदूर यूनियनें  

सुबह सवेरे   भारत की आज़ादी के आंदोलन में मराठी मानुष की पहचान बने और बाद में  देश के रेल मंत्री बने सदाशिव कानोजी पाटिल को मुम्बई का बेताज बादशाह कहा जाता था। लगातार चार बार सांसद चुने जाने वाले पाटिल से जब एक पत्रकार ने पूछा की क्या उन्हें कोई चुनाव में हरा सकता […]

Read More
X