#हस्तक्षेप
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गुप्त कूटनीति पर आगे बढ़ने की जरूरत

राष्ट्रीय सहारा,हस्तक्षेप   भारत ने चार यूरोपीय देशों के साथ पिछले साल मार्च में एक मुक्त व्यापार समझौता किया था,उस दौरान  स्विट्ज़रलैंड के अर्थव्यवस्था मंत्री गाइ पार्मेलिन ने कहा था कि भारत व्यापार और निवेश के लिए अपार अवसर देने वाला देश है। यह भी दिलचस्प है कि 1990 के दशक में ही भारत ने […]

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जमीनी पत्रकारों,सामाजिक कार्यकर्ताओं और खेतिहर किसान की भूमिका विश्वविद्यालयों में क्यों नहीं.. 

राष्ट्रीय सहारा,हस्तक्षेप उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षक कौन और कैसे होना चाहिए,यह विचार ज्ञान की वृहत दृष्टि से संबंधित होता है और इसके भिन्न भिन्न लेकिन उत्कृष्ट पैमाने रहे है। एक अच्छे शिक्षक के लाभ न केवल छात्रों के लिएबल्कि पूरे समाज और शिक्षा प्रणाली के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। अच्छे शिक्षक छात्रों के […]

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  उज्जैन सिंहस्थ 2028-सबसे बड़े धार्मिंक समागम की जोरदार तैयारी

राष्ट्रीय सहारा,हस्तक्षेप भारत की पहचान आध्यात्म,धर्म और संस्कृति है तथा उज्जैन का इसमें विशिष्ट स्थान है। महान सांस्कृतिक परम्पराओं के साथ-साथ उज्जैन की गणना पवित्र सप्तपुरियों में की जाती है। यहां स्थित महाकालेश्वर मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।  सिंहस्थ कुम्भ उज्जैन का महान धार्मिक पर्व है। बारह वर्ष के बाद,जब सूर्य […]

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आशंकित भारत की वैदेशिक नीति में बदलाव की दरकार  

हस्तक्षेप,राष्ट्रीय सहारा  अटल बिहारी वाजपेयी अक्सर कहा करते थे कि दोस्त बदले जा सकते हैं मगर पड़ोसी नहीं। वाजपेयी की कूटनीति सीधी और स्पष्ट  रही और पड़ोसी देशों को लेकर उनमें शक्ति,सामरिक दृष्टिकोण और संवाद की गहरी समझ शामिल थी। वाजपेयी देश की आंतरिक राजनीति की छाया में वैदेशिक नीति को प्रभावित न होने देने […]

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सेव अमेरिका से वैश्विक असहमति की आशंका

राष्ट्रीय सहारा,हस्तक्षेप   ट्रंप एक बार फिर अमेरिका का नेतृत्व करने जा रहे है,इस बार उन्होंने अमेरिका फर्स्ट और सेव अमेरिका के साथ आगे बढ़ने का इरादा जाहिर किया है. अमेरिका में आप्रवासन पर बहस दशकों पुरानी है,हालांकि आप्रवासन व्यापक रूप से आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है। ट्रम्प ने अमेरिका की विविधता  पर निशाना […]

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मैक मोहन रेखा तय करेगी चीन से संबंधों का भविष्य

      राष्ट्रीय सहारा,हस्तक्षेप   अक्टूबर 1913 से जुलाई 1914 के बीच शिमला में आयोजित एक सम्मेलन ने ब्रिटिश जनरल सर हेनरी मैकमोहन के नेतृत्व में तिब्बत और ब्रिटिश भारत के बीच एक सीमा तैयार की। सीमा में असम शामिल है जो पूर्वी भूटान का एक पार्श्व भाग है जो हिमालय की चोटियों के साथ लगभग 890 […]

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भारत मे आतंकवाद

आतंक की स्लीपर सेल

राष्ट्रीय सहारा,हस्तक्षेप आतंकवादी हमलों की धमकी और अफवाह से निपटने के लिए एक समग्र और  बहुआयामी दृष्टिकोण से युक्त सुरक्षा तंत्र को विकसित करने की कोशिशों के बीच आंतरिक सुरक्षा को लेकर अंदेशों का बढ़ना नये खतरों के संकेत दे रहा है। पिछले कुछ महीनों में देश के अलग अलग क्षेत्रों,हवाई जहाज़ और ट्रेनों पर […]

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युद्ध भर नहीं,मानवता के लिए गहरा संकट

राष्ट्रीय सहारा,हस्तक्षेप   युद्ध के उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए लेकिन पश्चिम एशिया में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यहां क्षेत्रीय प्रभुत्व,सामरिक प्रतिद्वंदिता,राजनीतिक और आर्थिक हितों की अनुकूलता या प्रतिकूलता अलग अलग तरीके से प्रतिद्वंदिता के कई मोर्चों का निर्माण करती है। यही कारण है की पिछले कई दशकों से पश्चिम एशिया अस्थिरता और संघर्षों से […]

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कहीं बेहतर है गुटनिरपेक्षता

राष्ट्रीय सहारा,हस्तक्षेप                                                       सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता को लेकर भारत का मानना है कि उसे दुनिया के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश होने के नाते वैश्विक मंच पर अपनी आवाज […]

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विकसित देशों में महिला सुरक्षा को लेकर नागरिक भागीदारी पर जोर

राष्ट्रीय सहारा,हस्तक्षेप किताबों में लिखे कानून और उनके क्रियान्वयन के प्रति जागरूकता तथा प्रतिबद्धता किसी नागरिक समाज के अलग अलग गुण है। विकसित तथा पिछड़े समाज में यह अंतर बड़ा गहरा है जो लैंगिक असमानता और महिलाओं के प्रति हिंसा के रूप में सामने आता है। महिलाओं के खिलाफ हिंसा हर देश,संस्कृति और समुदाय में […]

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