तबाही की नई तकनीक
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तबाही की नई तकनीक

राष्ट्रीय सहारा

सैटेलाइट तकनीक का उपयोग करके,मोसाद संभावित लक्ष्यों की वास्तविक समय की तस्वीरें प्राप्त करता है,जिससे उन्हें रणनीतिक निर्णय लेने में मदद मिलती है।बड़े डेटा एनालिटिक्स टूल का उपयोग करके,मोसाद व्यापक सूचनाओं को तेजी से इकट्ठा करता है,जिससे पैटर्न और ट्रेंड्स की पहचान करना संभव होता है।मोसाद के एजेंटों के लिए सुरक्षित संचार विधियों का उपयोग किया जाता है,जैसे एन्क्रिप्टेड संदेश और संचार प्लेटफार्म,जिससे उनकी  गतिविधियां सुरक्षित रहती हैं।मोसाद की साइबर सुरक्षा और नेटवर्क निगरानी अत्यधिक विकसित और प्रभावशाली है,जो इसे वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख खुफिया एजेंसी बनाती है।अब मोसाद ने हिज्बुल्ला के द्वारा उपयोग किये जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को ही हथियार बनाकर उसमें विस्फोट किये है उससे ईरान के अन्यप्रॉक्सी समूहों में भी दहशत फ़ैल गई है।हिज्बुल्ला और ईरान के अन्य प्रॉक्सी समूहों के पास कई खतरनाक हथियार है और उनमें विस्फोट से व्यापक तबाही हो सकती है। मोसाद साइबर स्पेस में लक्ष्यित हमले और निगरानी अभियानों के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठा करता है। यह एजेंसी दुश्मन की नेटवर्क संरचना में प्रवेश करके उनकी गतिविधियों की निगरानी करती है।  अभी मोसाद ने साइबर स्पेस से हिज्बुल्ला के कुछ चिन्हित उपकरणों में ही विस्फोट किया है,भविष्य में इसका स्तर कितना व्यापक और भीषण हो सकता है,इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।

सैन्य रणनीति एक योजना है जो युद्ध या संघर्ष में लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तैयार की जाती है। इसमें कई तत्व शामिल होते हैं जैसे स्पष्ट और सटीक लक्ष्यों का निर्धारण,मानव,तकनीकीऔर वित्तीय संसाधनों का सही उपयोग,क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और संसाधनों का अध्ययन और दुश्मन की क्षमताओं और रणनीतियों का आंकलन।इज़राइल की ख़ुफ़िया एजेंसी अपने लक्ष्यों को लेकर बेहद स्पष्ट रही है और वह दुश्मन को खत्म करने  के लिए नये नये तरीके ईजाद करती रही है। हिज्बुल्ला का प्रभाव लेबनान में काफी मजबूत हैऔर यह इज़राइल के लिए एक स्थायी सुरक्षा चिंता का विषय है। मोसाद इस समूह को कमजोर करने के लिए कई प्रयास करता है।अब इज़राइल ने हिज्बुल्ला को खत्म करने के लिए रेडियो,वाकी टाकी,और पेजर जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस के उपयोग को हथियार बनाकर जिस तरह सिलसिलेवार ब्लास्ट की व्यापक  रणनीति को अंजाम दिया है,वह अकल्पनीय और अभूतपूर्व है। इसने मध्यपूर्व में युद्द और तबाही की तीव्रता को उच्चतम बिंदु तक पहुंचा दिया है।

दरअसल दक्षिण लेबनान हिज्बुल्ला का एक महत्वपूर्ण ठिकाना है,जो इस क्षेत्र में अपने सैन्य और राजनीतिक प्रभाव का विस्तार करता है। यह एक रणनीतिक और भौगोलिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है,जो इज़राइल की सीमा के पास स्थित  जो कई ऐतिहासिक और राजनीतिक घटनाओं का गवाह रहा है। इज़राइल और लेबनान के बीच की सीमा के निकट यह क्षेत्र सुरक्षा और सैन्य गतिविधियों के लिए संवेदनशील रहा है।इजराइल की उत्तरी सीमा से लगता हुआ यह क्षेत्र ईरान के लिए रक्षा कवच की तरह कार्य करता है। ईरान हिज्बुल्ला को एक महत्वपूर्ण साथी मानता है,जिससे वे अपने राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।इस्राइल और पश्चिमी देशों के खिलाफईरान हिज्बुल्ला को एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक  अंग की तरह इस्तेमाल करता है,जिससे वह अपने क्षेत्रीय हितों को सुरक्षित रख सकता है।हिज्बुल्ला के हमलों से निपटने के लिए इजराइल तैयार रहता है लेकिन गज़ा संघर्ष में इज़राइल की सेना के उलझने से इजराइल हिज्बुल्ला के हमलों को लेकर बेहद आशंकित दिखाई पड़ रहा था।खासकर तेहरान में हमास के  नेता इस्माइल हनिया की मौत के बाद ईरान द्वारा बदला लेने की धमकियां इजराइल की चुनौतियां बढ़ा रही थी।

 

हिज्बुल्ला पर विभिन्न देशों और संगठनों द्वारा प्रतिबंध लगाए गए हैं,जिनका मुख्य कारण इसके आतंकवादी गतिविधियां और इजराइल के खिलाफ हमले हैं।हिज्बुल्ला के पास विभिन्न श्रेणियों के रॉकेट और मिसाइलें हैं,जिनमें कम और ज्यादा दूरी की मिसाइलें शामिल हैं। ये इजराइल के विभिन्न क्षेत्रों को लक्षित करने के लिए उपयोग की जाती हैं।हिज्बुल्ला एंटी-टैंक मिसाइलों का उपयोग करता है,जैसे कि कॉर्नेट और टॉर-मिसाइल,जो इजराइल की टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को नुकसान पहुंचाने में सक्षम हैं।हिज्बुल्ला के पास आधुनिक हथियार  प्रणालियां है जिनमें बख्तरबंद वाहन और तोपखाने शामिल हैं।हिज्बुल्ला के पास इन्फ्रारेड और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं,जो इसे निगरानी और जासूसी में मदद करते हैं।हिज्बुल्ला ने ड्रोन तकनीक का उपयोग किया है,जो उसे खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और लक्ष्यों पर हमले करने की अनुमति देता है।इन हथियारों के माध्यम से,हिज्बुल्ला इजराइल और अन्य विरोधियों के खिलाफ अपनी सैन्य क्षमताओं को बनाए रखता है।
अब इजराइल ने हिज्बुल्ला से निपटने के लिए साइबर स्पेस का ऐसा तरीका अपनाया जिसके बारे में दुनिया की सबसे खतरनाक और आधुनिक हथियारों से सुसज्जित इस आतंकी संगठन ने कल्पना भी नहीं की होगी।साइबर स्पेस एक वर्चुअल वातावरण है जहां  इंटरनेट ,नेटवर्क, और डिजिटल संचार होते हैं। इसमें डेटा,सूचना, और  सेवाएं शामिल होती हैं तथा जो उपयोगकर्ताओं को आपस में जोड़ती हैं। डिजिटल संचार के माध्यम से दुनिया के किसी भी कोने में लोगों से जुड़ना संभव है। संचार माध्यम में ईमेल,सोशल मीडिया,,सेजिंग ऐप्स और वीडियो कॉलिंग प्लेटफार्म शामिल हैं। साइबर स्पेस में डीडॉस हमले या डिस्ट्रिब्यूटेड डेनियल ऑफ सर्विस के हमले के प्रति सुरक्षा एजेंसियां सतर्क रहती है क्योंकि इसमें नेटवर्क को ओवरलोड करके सेवाओं को ठप करने का खतरा रहता हैं। यह माना जा रहा है की मोसाद ने ओवरलोड को विस्फोटक के उच्च स्तर तक पहुंचा कर हिजबुल्ला को करारी शिकस्त दे दी।

हिज्बुल्ला की तरह ईरान की प्रॉक्सी सेनाएं मुख्य रूप से मध्य पूर्व में विभिन्न समूहों और संगठनों के माध्यम से अपनी प्रभावशीलता बढ़ाती हैं।फत्ह अल-शाम,सीरिया में ईरान के विरोधी सुन्नी विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय है।अग्लीबिस्स इराक में शिया मिलिशिया समूह हैं,जो ईरान से समर्थित हैं और आईएस के खिलाफ लड़ाई में भाग लेते हैं। हुती यमन में सक्रिय ये शिया विद्रोही ईरान से समर्थन प्राप्त करते हैं और सऊदी अरब के खिलाफ लड़ाई करते हैं।हिज्बुल्ला के मुख्य ठिकाने लेबनान में हैं,जहां से यह इजराइल के उत्तरी क्षेत्रों पर रॉकेट और मिसाइलों से हमले करता है।हिज्बुल्ला ने सटीक निर्देशित मिसाइलों का विकास किया है,जो इजराइल के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे जैसे हवाई अड्डे,सैन्य ठिकाने और नागरिक लक्ष्यों को निशाना बना सकते हैं।

वहीं मोसाद तकनीकी साधनों और खुफिया  सूचनाओं का उपयोग करके दुश्मनों की गतिविधियों की निगरानी  करती है। इन गतिविधियों का लक्ष्य इजराइल की सुरक्षा सुनिश्चित करना और दुश्मनों के प्रभाव को कम करना है। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है।अभी तक यह माना जाता था कि साइबर हमले डिजिटल प्रणाली या नेटवर्क पर लक्षित होते हैं तथा सुरक्षित संचार के लिए एन्क्रिप्टेड ऐप्स और अन्य तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं। कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग विस्फोटक उपकरणों को बनाने और नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है।मोसाद नई तकनीकों का उपयोग करके खुफिया संग्रह और विश्लेषण में अग्रणी है,जिसमें ड्रोन,सैटेलाइट इमेजिंगऔर साइबर खुफिया शामिल हैं।

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