विकसित देशों में भी एक साथ चुनाव किसी चुनौती से कम नहीं..
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विकसित देशों में भी एक साथ चुनाव किसी चुनौती से कम नहीं..

राष्ट्रीय सहारा,हस्तक्षेप

चुनावी खर्च को नियंत्रित करने के लिए कई देशों में नियम और कानून होते हैं, जिससे चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी बनी रहे। एक देश एक चुनाव की प्रक्रिया को समय,लागत, राजनीतिक स्थिरता,भागीदारी और प्रभावी प्रबंधन की दृष्टि से बेहतर माना जाता है। हालांकि इसे लागू करना आसान नहीं है और विकसित देश भी इस व्यवस्था की निरन्तरता को  बनाएं रखने में सफल नहीं हो सके है।

दुनिया के सबसे उदार लोकतंत्र ब्रिटेन में आम चुनावों की शुरुआत 17 वीं सदी में ही हो गई थी।  समय के साथ यहां आम चुनाव की प्रक्रिया में कई परिवर्तन और सुधार हुए हैं,जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण थे। ब्रिटेन में स्थानीय और राष्ट्रीय चुनाव एक साथ कराने की कोशिशें अक्सर होती रहती है। ब्रिटेन में सामान्य,स्थानीय चुनाव,प्रांतीय चुनाव,महानगर चुनाव,पार्लियामेंटरी विशेष चुनाव और पार्टी चुनाव का आयोजन किया जाता है। सामान्य चुनाव हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए होते हैं जो आमतौर पर हर पांच साल में होते हैं,लेकिन समय से पहले भी बुलाए जा सकते हैं। स्थानीय चुनाव स्थानीय परिषदों और नगरपालिका के लिए होते हैं। इनका आयोजन अलग अलग समय पर होता है और ये अक्सर वार्षिक होते हैं। प्रांतीय चुनाव स्कॉटलैंड,वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में अपने-अपने विधानसभा चुनाव होते हैं। ये चुनाव आमतौर पर हर चार साल में होते हैं। महानगर चुनाव कुछ शहरों में महापौर के चुनाव भी होते हैं,जैसे कि लंदन का महापौर। पार्लियामेंटरी विशेष चुनाव जब किसी सांसद का निधन या इस्तीफा होता है,तो उनके निर्वाचन क्षेत्र के लिए विशेष चुनाव आयोजित होते हैं। यह भारत में होने वाले उपचुनावों की तरह ही होता है। इसके अलावा राजनीतिक दलों के आंतरिक चुना ही आयोजित किये जाते है। ब्रिटेन का लोकतंत्र इन्हीं तरीकों से संचालित किया जाता है।

ब्रिटेन में केंद्रीय और प्रांतीय चुनावों को एक साथ आयोजित करने की प्रक्रिया कुछ खास तरीके से काम करती है। इसमें केंद्रीय और प्रांतीय चुनाव एक ही दिन में आयोजित किए जाने के उदाहरण भी है। 2015 में,आम चुनाव के साथ-साथ स्कॉटिश संसदीय चुनाव भी हुए थे। ऐसा करने का उद्देश्य मतदाता को सुविधा प्रदान करना और चुनावी प्रक्रिया को सरल बनाना होता है। स्थानीय चुनाव भी प्रांतीय चुनावों के साथ या अलग से आयोजित हो सकते हैं। यह चुनाव हर क्षेत्र की आवश्यकताओं और राजनीतिक स्थिति पर निर्भर करता है। इस प्रकार,ब्रिटेन में चुनावों का आयोजन विभिन्न स्तरों पर होता है और यह हमेशा एक साथ होने की गारंटी नहीं है,लेकिन कई बार ऐसा किया जाता है। ब्रिटेन का मौसम अक्सर अप्रत्याशित होता है,जिसमें बारिश,ठंड और धुंध शामिल हैं। मतदान के दिन खराब मौसम मतदाता भागीदारी को प्रभावित कर सकता है। यहां पर वायुमंडलीय दबाव में परिवर्तन के कारण तेज हवाएं भी चलती हैं,खासकर समुद्री तटों पर। ब्रिटेन में वर्षा सामान्यतः अधिक होती है और यह पूरे वर्ष फैली रहती है। कुछ क्षेत्रों,जैसे कि वेल्स और स्कॉटलैंड में वर्षा की मात्रा अधिक होती है। इस विविध मौसम के कारण, ब्रिटेन में अक्सर लोगों को विभिन्न प्रकार के जलवायु परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। इसका असर आम चुनावों पर भी पड़ता है।

कनाडा एक संघीय देश है,जिसमें संघीय और प्रांतीय सरकारों के बीच सत्ता का वितरण होता है। प्रत्येक प्रांत और क्षेत्र की अपनी सरकार और विधानसभा होती है। स्थानीय निकायों और नगर परिषदों के चुनाव भी होते हैं,जो नागरिकों की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कनाडा में संघीय चुनाव हाउस ऑफ कॉमन्स के सदस्यों के लिए होते हैं। यह आमतौर पर हर चार साल में होते हैं,लेकिन समय से पहले भी बुलाए जा सकते हैं। प्रांतीय चुनाव प्रत्येक प्रांत और क्षेत्र के लिए विधानसभा के चुनाव। ये चुनाव आमतौर पर चार साल में होते हैं,लेकिन प्रांतों में अलग अलग समय पर आयोजित किए जा सकते हैं। स्थानीय चुनाव नगर परिषदों और स्थानीय निकायों के लिए होते हैं। चुनावों की अवधि आमतौर पर चार साल होती है,लेकिन विभिन्न शहरों में समय भिन्न हो सकता है। विशेष चुनाव जब किसी सांसद या विधायक का निधन या इस्तीफा होता है तो उनके स्थान पर विशेष चुनाव आयोजित होते हैं। महापौर के चुनाव और राजनीतिक दलों के आंतरिक चुनाव भी आयोजित किये जाते है। इन चुनावों के माध्यम से कनाडा में विभिन्न स्तरों पर लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाता है। हालांकि कनाडा में एक साथ चुनाव आयोजित करने में कुछ चुनौतियाँ और कारण हैं,जो इसे  मुश्किल बना देते है। कनाडा का संविधान संघीय,प्रांतीय और स्थानीय चुनावों के लिए अलग अलग प्रावधान करता है। प्रत्येक स्तर की अपनी चुनावी प्रक्रिया और नियम होते हैं। संघीय और प्रांतीय चुनावों की अवधि अलग अलग होती है। संघीय चुनाव आमतौर पर हर चार साल में होते हैं,जबकि प्रांतीय चुनावों की समयसीमा भिन्न होती है। इससे एक साथ चुनाव आयोजित करना मुश्किल हो जाता है। कनाडा में मौसम से जुड़ी कई चुनौतियाँ हैं,जो विभिन्न क्षेत्रों में अलग अलग प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न कर सकती हैं। उत्तर और मध्य कनाडा में अत्यधिक ठंड और भारी बर्फबारी आम हैं,जो परिवहन,बिजली की आपूर्ति और दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। भारी बर्फबारी से सड़क और हवाई परिवहन में व्यवधान आ सकता है,जिससे आपातकालीन सेवाओं और आपूर्ति श्रृंखलाओं पर प्रभाव पड़ता है।

जापान पूर्वी एशिया में स्थित एक द्वीपीय देश है।  यह होंशू,होक्काइडो,क्यूशू और शिकोकू जैसे चार प्रमुख द्वीपों के अलावा कई छोटे द्वीपों से मिलकर बना है। जापान भूकंप और सुनामी के लिए प्रसिद्ध है,जो इसके भूगर्भीय स्थिति के कारण होता है। जापान एक संवैधानिक राजतंत्र है,जहां सम्राट प्रमुखता का प्रतीक होता है,लेकिन वास्तविक शक्ति संसद और प्रधानमंत्री के हाथ में होती है। जापान का लोकतंत्र विभिन्न सामाजिक,आर्थिक और सांस्कृतिक पहलुओं के साथ विकसित हुआ है और यह एक स्थिर और सक्रिय लोकतांत्रिक प्रणाली को दर्शाता है। जापान में विभिन्न प्रकार के चुनाव होते हैं। यहां राष्ट्रीय चुनाव आमतौर पर चार साल में एक बार होते हैं,लेकिन समय से पहले भी बुलाए जा सकते हैं। प्रतिनिधि परिषद के चुनाव हर तीन साल में आधे सदस्यों के लिए होते हैं,जिससे पूरा चुनावी चक्र हर छह साल में पूरा होता है। स्थानीय चुनाव प्रांतीय और नगरपालिका स्तर पर होते हैं। प्रत्येक प्रांत और शहर में अपने स्थानीय परिषदों और मेयरों के चुनाव होते हैं, जो आमतौर पर चार साल में एक बार आयोजित होते हैं। जब किसी सांसद का निधन या इस्तीफा होता है, तो उनके निर्वाचन क्षेत्र के लिए विशेष चुनाव आयोजित होते हैं। इसके अलावा जापान में भी अन्य लोकतांत्रिक देशों की तरह ही राजनीतिक दलों के आंतरिक चुनाव भी होते है। इन चुनावों के माध्यम से जापान में विभिन्न स्तरों पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया और प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाता है। जापान का मौसम बहुत विविध और क्षेत्रीय है तथा जापान का संविधान और चुनावी कानून विभिन्न स्तरों के चुनावों के लिए अलग अलग प्रावधान करते हैं जो एक साथ चुनाव आयोजित करने में बाधा डालते हैं।

विकसित देशों में नागरिक अपने अधिकारों,कर्तव्यों और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के प्रति जागरूक और सक्रिय होते हैं। कुछ विकसित देशों,जैसे कनाडा में विभिन्न चुनावों को एक साथ आयोजित करने के प्रयास किए गए हैं,लेकिन यह हमेशा संभव नहीं होता। वहीं ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में कभी कभी स्थानीय और राष्ट्रीय चुनाव एक साथ होते हैं। संसाधन की दृष्टि से विकसित देशों में एक साथ सभी प्रकार के चुनाव आयोजित करने की संभावना होती तो है,लेकिन यह कई कारकों पर निर्भर करता है तथा जटिलता से भरा होता है। मौसम,विभिन्न प्राकृतिक बदलाव और भौगोलिक परिस्थितियों के बीच प्रशासनिक और प्रबंधक की दृष्टि से इसे चुनौतीपूर्ण ही माना जाता है। इसीलिए इतिहास में ऐसे कम ही अवसर आएं है जब विकसित देशों में एक साथ चुनाव सफलतापूर्वक आयोजित किये जा सके है।

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