राष्ट्रीय सहारा
पश्चिमी एशिया का संकट एक जटिल और दीर्घकालिक समस्या है,जो युद्द भी भयवाहता की आशंका को निरंतर बनाएं रखती है। इसके केंद्र में इज़राइल और फिलिस्तीनियों के बीच भूमि के अधिकार और स्वायत्तता का विवाद की खास भूमिका है और इस्लामिक दुनिया के नेतृत्व की लड़ाई ने इसे बेहद खतरनाक बना दिया है। पश्चिमी एशिया में सांस्कृतिक विविधता से भरा हुआ देश लेबनान,शिया सशस्त्र संगठन हिज़्बुल्लाह के शिकंजे में है और इसकी आक्रामकता के कारण यह गाजा के बाद अब इज़राइल का नया युद्द का मैदान है। लेबनान की सीमा उत्तर में सीरिया और दक्षिण में इज़राइल से लगती है। पश्चिम में भूमध्य सागर है। लेबनान में रहने वाले धार्मिक समूहों में सुन्नी,शिया और ईसाई शामिल है। लेबनान के शिया समूहों पर ईरान का गहरा प्रभाव है और हिज़्बुल्लाह,सीरिया और अन्य समूहों के साथ उसकी साझेदारी क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित करती है। लेबनान की भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता इसे एक विशेष और महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाती है लेकिन ईरान की आर्थिक और सैन्य सहायता से शिया समूह हिज़्बुल्लाह,देश की राजनीति और समाज पर हावी है तथा यह इस देश की समस्या का मुख्य कारण माना जाता है।
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