#जनसत्ता
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युद्दग्रस्त देश और भारतीय कूटनीति

जनसत्ता किसी भी राष्ट्र के राष्ट्रीय हित परिवर्तनशील हो सकते है,स्वाभाविक रूप से इसका प्रभाव वैदेशिक संबंधों पर भी दिखाई पड़ता है। भारत और रूस के बीच कूटनीतिक और सामरिक संबंधों की प्रतिबद्धता का सुनहरा इतिहास रहा है। रूस के धुर विरोधी देश यूक्रेन में भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की यात्रा को संतुलन की […]

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 विकसित बांग्लादेश का सपना और भारत की चुनौती

जनसत्ता बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वैदेशिक संबंधों को लेकर बेहद यथार्थवादी दृष्टिकोण अपना रखा है जिसके अंतर्गत यह  माना जाता है की विदेश नीति संबंधी निर्णय राष्ट्रीय हित के आधार पर लिए जाना चाहिए न कि नैतिक सिद्धांतों और भावनात्मक मान्यताओं के आधार पर। दरअसल भारत की कूटनीतिक,सैन्य और आर्थिक मदद से अस्तित्व […]

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तालिबान के प्रति बदलता रुख

जनसत्ता  रणनीति की दृष्टि से जो नीति उपयुक्त हो,वहीं नीति सर्वोत्तम होगी। अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में यथार्थवाद का सिद्धांत सबसे प्रभावकारी माना जाता है तथा तालिबान की बढ़ती वैश्विक स्वीकार्यता में ताकतवर देशों का यथार्थवादी दृष्टिकोण साफ दिखाई दे रहा है। हाल ही में तालिबान के महत्वपूर्ण नेता और आतंकी सिराजुद्दीन हक़्क़ानी ने अपने शिष्टमंडल के […]

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संकट में फिलिस्तीन राष्ट्र का सपना

जनसत्ता क्षेत्र विस्तारवाद का अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में बहुत महत्व रहा है। राजनीतिक सत्ताएं इसे सैन्यवादी विचारधारा से पोषित करती है जिसके अनुसार  यह माना जाता है कि शक्ति से ही शान्ति आती है। मध्यपूर्व में इस्राइल विस्तारवाद की रणनीति को आत्मसात कर चूका है वहीं फिलिस्तीन की विभाजित सत्ताओं पर हावी हमास शक्ति और आक्रमण को […]

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भारत ईरान संबंधों का भविष्य

जनसत्ता ईरान,यूरेशिया और हिन्द महासागर के मध्य एक प्राकृतिक प्रवेश द्वार है,जिससें भारत रूस और यूरोप के बाजारों तक आसानी से पहुंच सकता है। एशिया महाद्वीप की दो महाशक्तियां भारत और चीन की सामरिक प्रतिस्पर्धा समुद्री परिवहन और पारगमन की रणनीति पर देखी जा सकती है। चीन की पर्ल ऑफ स्प्रिंग के जाल को भेदने […]

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अस्थिर म्यांमार और भारत की मुश्किलें

जनसत्ता                   म्यांमार का भू राजनैतिक महत्व भारत को अपने इस दक्षिण पूर्व एशियाई पड़ोसी देश के प्रति अति यथार्थवादी वैदेशिक नीति के संचालन के लिए मजबूर करता है। म्यांमार में  लोकतांत्रिक शक्तियों और सेना के बीच सत्ता संघर्ष की दशकों पुरानी जटिल स्थितियों में भी भारत ने बेहद संतुलनकारी नीति को अपनाया है लेकिन […]

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चीन की सैन्य रणनीति में मालदीव

जनसत्ता     हाल ही में चीन और मालदीव के बीच एक रक्षा समझौता हुआ है जिसके अनुसार चीन मालदीव को सैन्य सहायता देने के साथ मालदीव की सेना को भी प्रशिक्षण देगा। अभी तक मालदीव की सुरक्षा और सैन्य प्रशिक्षण जैसे कार्यों में भारत की भागीदारी होती थी। मालदीव एक छोटा सा देश है लेकिन हिन्द […]

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संतुलन साधता नेपाल,जनसत्ता     

जनसत्ता             नेपाल को अपने राष्ट्रीय हित और राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए भारत और चीन से संतुलित सम्बन्धों की जरूरत है और प्रचंड उस दिशा में सफल होते दिखाई दे रहे है। दरअसल नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कुमार दहल प्रचंड ने चीन के साथ द्विपक्षीय समझौतों में जो दूरदर्शिता दिखाई है वह […]

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म्यांमार के सामरिक संकेत

जनसत्ता   भारत के पड़ोसी देशों के बंदरगाहों में चीन का निवेश हिंद महासागर के क्षेत्र में समुद्री ऊर्जा के रास्तों पर नियंत्रण करने और दक्षिण एशिया के देशों में बंदरगाहों को विकसित करके अपनी ताक़त का विस्तार करने की उसकी योजना का एक हिस्सा है। चीन के नौसैनिक,उन समुद्री ठिकानों पर अन्य देशों के […]

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